भूमि पूजा-
नया
मकान, नई
दुकान
या
कोई
भी
नया
निर्माण
शुरू
करते
समय
की
जाती
है।
इसका
शुभ
महूर्त
किसी
विद्वान
ज्योतिषी
से
जान
लेना
चाहिए।
अगर
गृह
आरंभ
से
पहले
नीव
खोदने
का
महूर्त नहीं किया गया
है
तो
नीव
खनन
और
गृह
आरंभ
दोनों
एक
दिन
ही
किए
जा
सकते
हैं।
- चांदी के सांप की पूजा का उद्देश्य
वास्तु विज्ञान
और
शास्त्रों
का
मत
है
कि
भूमि
के
नीचे
पाताल
लोक
है
जिसके
स्वामी
भगवान
विष्णु
के
सेवक
शेषनाग
भगवान
हैं।
इन्होंने
ही
अपने
फन
पर
पृथ्वी
को
उठाकर
रखा
हुआ
है।
भूमि
पूजन
के
समय
नींव
में
चांदी
के
सांप
की
पूजा
का
उद्देश्य
शेषनाग
की
कृपा
पाना
होता
है।
नींव
में
सांप
को
रखकर
यह
माना
जाता
है
कि
जिस
प्रकार
शेष
नाग
ने
पृथ्वी
को
संभालकर
रखा
है
उसी
प्रकार
शेष
नाग
उनके
भवन
को
भी
संभलकर
रखें।
भवन
सुरक्षित
और
दीर्घायु
होगा।
- भूमि पूजन में कलश का महत्व
भूमि पूजन में कलश रखने के पीछे भी यही आस्था और विश्वास काम करता है कि इससे शेषनाग भगवान की कृपा प्राप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार शेषनाग क्षीर सागर में रहते हैं इसलिए कलश में दूध, दही, घी डालकर शेषनाग का आह्वान मंत्रों द्वारा कलश में किया जाता है ताकि शेषनाग भगवान का प्रत्यक्ष आशीर्वाद मिले। कलश में सिक्का और सुपारी डालकर यह माना जाता है कि लक्ष्मी और गणेश की कृपा प्राप्त होगी। कलश को ब्रह्माण्ड का प्रतीक और विष्णु का स्वरुप मानकर उनसे प्रार्थना की जाती है कि देवी लक्ष्मी सहित इस भूमि में विराजमान रहें और शेषनाग भूमि पर बने घर को हमेशा सहारा देते रहें।
- नींव खनन सत तिथियों
शुभ वार एवं अश्विनी, रोहिणी, मृगशिर, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उ. फा., हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, उ.षा., धनिष्ठा, शतभिषा, उ.फा, और रेवती नक्षत्र में लग्न शुद्धि देख कर करनी चाहिए । क्षय मास, अधिक मास भद्रा या कुयोग नही होने चाहिए । खुदाई के समय भूशयन न हो और राहु मुख भी देख लेना चाहिए। राहु मुख से पृष्ठ वर्ती दिशा से खुदाई करनी चाहिए। सूर्य जिस नक्षत्र में हो उससे खुदाई वाले दिन का चन्द्र, चन्द्र नक्षत्र ५, ७, ९, १०, १९ और २६ वाँ हो तो पृथ्वी शयन करती है। इसमें खुदाई नहीं करनी चाहिए ।
भवन निर्माण के समस्त महूर्तों में गुरु शुक्र अस्त, नक्षत्र व अग्नि बाण पंचक, लग्न व पंचांग शुद्धि का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
बैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ मास, शुभ गृह के वार, सत तिथियाँ, मृगशिरा चित्रा, अनुराधा, रेवती, रोहिणी उ.षा., उ.फा., शतभीषा. स्वाति धनिष्ठा , हस्त, पुष्य नक्षत्र में लग्न शुद्धि देख कर गृह निर्माण करना चाहिए।
- इन मुहूर्तों में करें भूमि पूजा
बैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ मास, शुभ गृह के वार, सत तिथियाँ, मृगशिरा चित्रा, अनुराधा, रेवती , रोहिणी उ.षा ., उ.फा., शतभीषा, स्वाति धनिष्ठा, हस्त, पुष्य नक्षत्र में लग्न शुद्धि देख कर गृह निर्माण करना चाहिए।
1 comment:
Kya 14dec Ko panchak me gharbanane ke liye Neev poojan kar sakte he kya
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