यज्ञ । हवन को सनातन संस्कृति में बहुत अधिक महत्व दिया गया है। आध्यात्मिक दृष्टि के साथ-साथ ये शारीरिक और मानसिक लाभ भी पहुँचाते हैं। पूर्वकाल की कई कथाएं प्रचलित हैं जहाँ यज्ञ के माध्यम से विभिन्न कार्य सिद्ध किये गए निसन्तानों को संतान और कुरूप या रोगी को स्वस्थय और रूपवान बना दिया गया। लेकिन आज परिस्तिथि पूर्णतः भिन्न है। लोगों के पास पूजा का ही समय नहीं है तो कहाँ से करें? कुछ दशक पूर्व तक संध्या करने वाले लोग भी नित्य हवन करते थे विशेषतः ब्राह्मण समुदाय परन्तु अब वहां भी इसका स्थान नहीं के बराबर ही रह गया है।
यज्ञ के पीछे छिपा विज्ञान:-
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