Monday, July 7, 2014

श्री गणेश जी की पूजन विधि


लम्बी सूंड, बड़ी आँखें ,बड़े कान ,सुनहरा सिन्दूरी वर्ण यह ध्यान करते ही प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का पवित्र स्वरुप हमारे सामने आ जाता है । सुखी व सफल जीवन के इरादों से आगे बढऩे के लिए बुद्धिदाता भगवान श्री गणेश के नाम श्मरण से ही शुरुआत शुभ मानी जाती है। 

प्रातः काल शुद्ध होकर गणेश जी के सम्मुख बैठ कर ध्यान करें और पुष्प, रोली ,अछत आदि चीजों से पूजन करें और विशेष रूप से सिन्दूर चढ़ाएं तथा दूर्बा दल (११या २१ दूब का अंकुर ) समर्पित करें।यदि संभव हो तो फल और मीठा चढ़ाएं (मीठे में गणेश जी को मूंग के लड्डू प्रिय हैं ) 
अगरबत्ती और दीप जलाएं और नीचे लिखे सरल मंत्रों का मन ही मन ११, २१ या अधिक बार जप करें :-
ॐ चतुराय नम: ।
ॐ गजाननाय नम: ।
ॐ विघ्रराजाय नम: ।
ॐ प्रसन्नात्मने नम: ।

पूजा और मंत्र जप के बाद श्री गणेश आरती कर सफलता व समृद्धि की कामना करें।

  • सामान्य पूजन- पूजन सामग्री: शुद्ध जल, गंगाजल, सिन्दूर, रोली, रक्षा, कपूर, घी, दही, दूब, चीनी, पुष्प, पान,  सुपारी,रूई,प्रसाद (लड्डू गणेश जी को बहुत प्रिय है) ।
विधि- गणेश जी की मूर्ती सामने रखकर और श्रद्धा पूर्वक उस पर पुष्प छोड़े यदि मूर्ती न हो तो सुपारी पर मौली लपेटकर चावल पर स्थापित करें और आवाहन मंत्र पढकर अक्षत डालें ।

ध्यान श्लोक -   शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशि वर्णम चतुर्भुजम . प्रसन्न वदनं ध्यायेत सर्व विघ्नोपशान्तये ..

षोडशोपचार पूजन -  ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ध्यायामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आवाहयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आसनं समर्पयामि ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अर्घ्यं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पाद्यं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आचमनीयं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . उप हारं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पंचामृत स्नानं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . वस्त्र युग्मं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . यज्ञोपवीतं धारयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आभरणानि समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . गंधं धारयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अक्षतान समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पैः पूजयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . प्रतिष्ठापयामि.
और गणेश जी के इन नामों का जप करें  - 

ॐ गणपतये नमः॥ ॐ गणेश्वराय नमः॥ ॐ   गणक्रीडाय नमः॥ ॐ गणनाथाय नमः॥  ॐ गणाधिपाय नमः॥ ॐ एकदंष्ट्राय नमः॥ ॐ वक्रतुण्डाय नमः॥ ॐ गजवक्त्राय नमः॥ ॐ मदोदराय नमः॥ ॐ लम्बोदराय नमः॥ ॐ धूम्रवर्णाय नमः॥ ॐ विकटाय नमः॥ ॐ विघ्ननायकाय नमः॥ ॐ सुमुखाय नमः॥ ॐ   दुर्मुखाय नमः॥
ॐ बुद्धाय नमः॥ ॐविघ्नराजाय नमः॥ ॐ गजाननाय नमः॥ ॐ भीमाय नमः॥ ॐ प्रमोदाय नमः ॥           ॐ आनन्दाय नमः॥ ॐ सुरानन्दाय नमः॥ ॐमदोत्कटाय नमः॥ ॐ हेरम्बाय नमः॥ ॐ शम्बराय नमः॥ ॐशम्भवे नमः ॥ ॐ   लम्बकर्णाय नमः ॥ ॐ महाबलाय नमः॥ ॐ नन्दनाय नमः ॥ॐ अलम्पटाय नमः ॥   ॐ भीमाय नमः ॥ ॐमेघनादाय नमः ॥ ॐ गणञ्जयाय नमः ॥ ॐ विनायकाय नमः॥ ॐविरूपाक्षाय नमः ॥ॐ धीराय नमः ॥ ॐ शूराय नमः ॥ ॐवरप्रदाय नमः ॥ ॐ   महागणपतये नमः ॥ ॐ बुद्धिप्रियायनमः ॥        ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः ॥ॐ   रुद्रप्रियाय नमः॥ ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥ ॐ उमापुत्राय नमः ॥ ॐ अघनाशनायनमः ॥ ॐ कुमारगुरवे नमः ॥ ॐ ईशानपुत्राय नमः ॥ ॐमूषकवाहनाय नः ॥ ॐ   सिद्धिप्रदाय नमः॥ ॐ सिद्धिपतयेनमः ॥ ॐ सिद्ध्यै नमः ॥ ॐ सिद्धिविनायकाय नमः॥ ॐ विघ्नाय नमः ॥ ॐ तुङ्गभुजाय नमः ॥ ॐ सिंहवाहनायनमः ॥ ॐ मोहिनीप्रियाय   नमः ॥ ॐ कटिंकटाय नमः ॥ॐराजपुत्राय नमः ॥ॐ शकलाय नमः ॥ ॐ सम्मिताय नमः॥ ॐ   अमिताय नमः ॥ ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः ॥ॐदुर्जयाय नमः ॥ ॐ धूर्जयाय नमः ॥ ॐ   अजयाय नमः ॥ ॐभूपतये नमः ॥ ॐ भुवनेशाय नमः ॥ ॐ भूतानां पतये नमः॥ ॐ   अव्ययाय नमः ॥ ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥ ॐविश्वमुखाय नमः ॥ ॐ विश्वरूपाय नमः ॥
 ॐ   निधये नमः॥ ॐ घृणये नमः ॥ॐ कवये नमः ॥ ॐ कवीनामृषभाय नमः॥ ॐ   ब्रह्मण्याय नमः ॥ ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः ॥ ॐज्येष्ठराजाय नमः ॥ ॐ निधिपतये   नमः ॥ ॐनिधिप्रियपतिप्रियाय नमः ॥ ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थायनमः ॥ॐ   सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः ॥ ॐकराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः ॥ ॐ पूषदन्तभृतेनमः ॥ ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः ॥ ॐ मुक्तिदाय नमः ॥ ॐकुलपालकाय नमः ॥ ॐ   किरीटिने नमः ॥ ॐ कुण्डलिने नमः॥ ॐ हारिणे नमः ॥ ॐ वनमालिने नमः ॥ ॐ   मनोमयाय नमः ॥ॐवैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः ॥ ॐ पादाहत्याजितक्षितयेनमः   ॥ ॐ सद्योजाताय नमः ॥ ॐ स्वर्णभुजाय नमः ॥ ॐमेखलिन नमः ॥ ॐ   दुर्निमित्तहृते नमः ॥ ॐदुस्स्वप्नहृते नमः ॥ॐ प्रहसनाय नमः ॥ ॐ गुणिनेनमः ॥ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः ॥ ॐ सुरूपाय नमः ॥ॐसर्वनेत्राधिवासाय नमः ॥ ॐ   वीरासनाश्रयाय नमः ॥ॐपीताम्बराय नमः ॥ ॐ खड्गधराय नमः ॥ ॐखण्डेन्दुकृतशेखराय नमः ॥ॐ चित्राङ्कश्यामदशनायनमः ॥ॐ फालचन्द्राय नमः ॥ ॐ   चतुर्भुजाय नमः ॥ॐयोगाधिपाय नमः ॥ॐ तारकस्थाय नमः ॥ॐ पुरुषाय नमः॥ ॐ   गजकर्णकाय नमः ॥ ॐ गणाधिराजाय नमः ॥ॐविजयस्थिराय नमः ॥ ॐ गणपतये नमः ॥ॐ   ध्वजिने नमः ॥ ॐदेवदेवाय नमः ॥ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः ॥ ॐ वायुकीलकायनमः   ॥ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः ॥ ॐ नादाय नमः ॥ ॐ नादभिन्नवलाहकाय नमः ॥ ॐ   वराहवदनाय नमः ॥ ॐ मृत्युञ्जयाय नमः ॥
ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः ॥ ॐइच्छाशक्तिधराय नमः ॥ ॐ देवत्रात्रे नमः ॥ ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः ॥ ॐ   शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः ॥ ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः ॥ ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः ॥ ॐ शम्भुतेजसे नमः ॥ ॐ शिवाशोकहारिणे नमः ॥ ॐ गौरीसुखावहाय नमः ॥ ॐ   उमाङ्गमलजाय नमः ॥ ॐगौरीतेजोभुवे नमः ॥
ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥ ॐ यज्ञकायाय नमः ॥ ॐ महानादाय नमः ॥ ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः ॥
ॐ शुभाननाय नमः ॥ ॐ   सर्वात्मने नमः ॥ ॐसर्वदेवात्मने नमः ॥ ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः ॥ ॐ ककुप्छ्रुतये नमः ॥ ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः ॥ ॐ चिद्व्योमफालाय नमः ॥ ॐ   सत्यशिरोरुहाय नमः ॥ॐजगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः ॥ ॐ अग्न्यर्कसोमदृशेनमः   ॥ ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः ॥ ॐ धर्माय नमः ॥ ॐ धर्मिष्ठाय नमः ॥ ॐ   सामबृंहिताय नमः ॥ ॐग्रहर्क्षदशनाय नमः ॥ ॐ वाणीजिह्वाय नमः ॥ॐवासवनासिकाय नमः ॥ ॐ कुलाचलांसाय नमः ॥ ॐसोमार्कघण्टाय नमः ॥ॐ   रुद्रशिरोधराय नमः ॥
ॐनदीनदभुजाय नमः ॥ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः ॥ ॐतारकानखाय नमः ॥ ॐ भ्रूमध्यसंस्थतकराय नमः ॥ॐब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः   ॥ ॐ व्योमनाभाय नमः॥ ॐ श्रीहृदयाय नमः ॥ॐ मेरुपृष्ठाय नमः ॥ॐअर्णवोदराय नमः ॥ ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षःकिन्नरमानुषाय नमः॥
उत्तर पूजा - ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . धूपं आघ्रापयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . दीपं दर्शयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . नैवेद्यं निवेदयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . फलाष्टकं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ताम्बूलं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . कर्पूर नीराजनं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंगल आरतीं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पांजलिः समर्पयामि

यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च । तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे ..।

प्रदक्षिणा नमस्कारान समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . समस्त राजोपचारान समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंत्र पुष्पं समर्पयामि ।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ।

1.प्रार्थनां समर्पयामि ।

2.आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं ।

3पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम ।

क्षमापनं समर्पयामि ।

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुनरागमनाय च ॥

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