Tuesday, July 15, 2014

निराकार स्वरूप शिवलिंग

शिव को अनीश्वर माना यानी ऐसे देवता जिनका कोई ईश्वर या स्वामी नहीं। इसलिए शिव 'भव' नाम से भी पूजनीय है। जिस गया हैका मतलब है कि वह ब्रह्माण्ड या संसार के रूप में प्रकट होने वाले देवता हैं। 

यही कारण है कि शिव ही ऐसे देवता हैं, जिनकी साकार और निराकार रूप में उपासना की जाती है। उनका निर्गुण यानी निराकार स्वरूप शिवलिंग है। शिव पुराण में शिवलिंग के दर्शन मात्र को ही दोष और विकार का नाश करने वाला माना गया है। 

ऐसे दिव्य स्वरूप से ही वह देवाधिदेव भी पुकारे जाते हैं। यही कारण है कि महादेव की कृपा के लिए देव-दानव, ऋषियों शिवलिंग उपासना से चमत्कारिक सिद्धियों पाया। 

शिवपुराण में अनेक तरह के दिव्य शिवलिंगों को अलग-अलग देवी-देवताओं द्वारा पूजने का वर्णन है, जो शिव कृपा के लिये भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाए गए। इसलिए सांसारिक जीवन में भी इन चीजों से बने शिवलिंग बड़े ही चमत्कारी व शुभ फल देने वाले माने जाते हैं। 

जानिए, उन देवी-देवताओं और उनके अलग-अलग पदार्थ या धातु के बने अद्भुत शिवलिंग के बारें में रोचक जानकारी -  

1ब्रह्मा - चमकीला सोने    2विष्णु - इन्द्रनील   3लक्ष्मी - स्फटिक   4देवी - मक्खन   5कुबेर - सोना   6इन्द्र - पद्मराग मणि 

7वरुण - श्याम या काले रंग    8अग्रिदेव - हीरे     9अश्विनी कुमार - पार्थिव लिंग   10नाग - मूंगा   11सोम - मोती 

12विश्वेदेव - चांदी   13धर्म - पुखराज      14वसुगण - पीतल    15मयासुर - चन्दन    16आदित्यगण - तांबे         

17ब्राह्मण - मिट्टी   18बाणासुर - पारद या पार्थिव    19योगी - भस्म   20यक्ष - दही     21ब्रह्मपत्नी - रत्न

No comments: